ऐ चाँद, ये नूर कहाँ से लाया तू!?
कोई है हकीकत, ख़्वाब है या,
उस दूर फलक की माया तू!
ऐ चाँद, मुझे एक राज़ बता,
ये नूर कहाँ से लाया तू?
बस चाँदनी की ये बात है या,
कोई और फितूर है पाया तू!
ऐ चाँद, मुझे एक राज़ बता,
ये नूर कहाँ से लाया तू?
है दिलकश तू भरपूर मगर,
गुरूर से ना भरमाया तू!
ऐ चाँद, मुझे एक राज़ बता,
ये नूर कहाँ से लाया तू?
यूँ ही उम्र गुज़ार दूँ तकते तुझे,
किसी हूर का है सरमाया तू!
ऐ चाँद, मुझे एक राज़ बता,
ये नूर कहाँ से लाया तू?
ये नूर कहाँ से लाया तू!?
~प्रेरणा भारद्वाज
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