ღღ___मेरी आँखों में जो क़ैद है “साहब”, वो समुन्दर ही है शायद;
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कि सूखता भी नहीं, बहता भी नहीं, बस भरा ही रहता है !!…….#अक्स
ღღ___मेरी आँखों में जो क़ैद है “साहब”, वो समुन्दर ही है शायद;
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कि सूखता भी नहीं, बहता भी नहीं, बस भरा ही रहता है !!…….#अक्स