कर्तव्य (Independence day)
लगी है सिन्हे पे, दुश्मनों के गोली,
एक तरफ है ,इंकलाब की बोली।
मरते दम तक, हिम्मत न हारेंगे,
उड़ा देंगे हम, दुश्मनों के टोली।।
मुद्दत बाद ,सपना होगा साकार,
जाने दे मत रोक, ए मेरे हमजोली ।
देश प्रेमियों से ,आगे बढ़ना सिखा है,
लौटेगा जरूर, भारत में हरियाली ।।
चारो तरफ, दुश्मनों के फौज खड़ी है,
खेलेंगे जरूर हम, आज लहू के होली।
सुन क्या कह रही है, हमारी धरती माँ,
धरती माँ माँ है, माँ नहीं होती मुँहबोली।।
Nice
सुन्दर
सीने
सुन्दर भाव
जोशीली रचना