Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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किसी कलमकार की कलम के नखरे हजार देखो
किसी कलमकार की कलम के नखरे हजार देखो, कहीं बनाती किसी की ज़िन्दगी तो कहीं ये बिगाड़ देखो, किसी अस्त्र से कम नहीं है वजूद…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
एक कलमकार
एक कलमकार ————- जीता है हर किरदार एक कलमकार! जिंदगी की हर कसौटी पर खुद को खुद ही कसता है। उसकी कलम उत्तम लिखे इसीलिए…
कलमकार
एक कलमकार ————- जीता है हर किरदार एक कलमकार! जिंदगी की हर कसौटी पर खुद को खुद ही कसता है। उसकी कलम उत्तम लिखे इसीलिए…
कोरे मेरे,सपने मेरे…..
कोरे मेरे, सपने मेरे, कोरे ही रह जाएंगे….२ उम्मीदें देंगी,दस्तक उन तक, उम्मीदें ही रह जाएंगी…. कोरे मेरे, सपने मेरे, कोरे ही रह जाएंगे…२ शामें…
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