Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
लोग तो पीते है इसको, हम पीते है इसको
लोग तो पीते है इसको खुद को भुलाने के लिए, हम पीते है इसको उसको याद आने के लिए, लोग तो पीते है इसको किसी…
वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ
वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ जीवन को खुशहाल बनाओ, धरा को सुसज्जित करके वायुमंडल को स्वच्छ बनाओ। वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ तन मन को प्रफुल्लित कर…
वृक्ष लगाओ खुद को बचाओ
धरती पनपाती वृक्षों को, वृक्षों पर बसेरा जीवो का। ये वृक्ष नहीं ये मुखिया हैं, धरती माता का प्यार यहां। कितना सुंदर ये घर बगिया,…
पेड़ लगाओ धरती बचाओ
धरती पनवाती वृक्षों को, वृक्षों पर बसेरा जीवो का। ये वृक्ष नहीं ये मुखिया हैं, धरती माता का प्यार यहां। कितना सुंदर ये घर बगिया,…
बहुत बहुत आभार आपका