कान्हा के मुख कान्हा
कान्हा तूने माटी खाई
डाँट के बोली मैया।
ना ना कह शीश हिलाया
नटखट बाल कन्हैया।।
छड़ी दिखाकर मैया बोली
मूंह तो खोलो कान्हा।
मुख में सारा विश्व दिखाया
कन्हा मुख में कान्हा।।
मायापति की माया में
मैया बेहोश पड़ी थी।
दूर हुई कान्हा की माया
मैया स्वस्थ खड़ी थी।।
विनयचंद ऐसे मायापति का
निश दिन ध्यान धड़ो रे।
जीवन को न माया ठगेगी
अपना कल्याण करो रे।।
प्रभु की लीला
अपरंपार
धन्यवाद
,🙏🙏
जय श्री कृष्णा
Jai shrikrishna
श्री कृष्ण
Radhe Krishna
Jay ho krishna