कामियाब इंसान
महफ़िल में मेरे बहुत है
पर तेरे जैसा कोई नही
मुफलिस सी ज़िन्दगी में एक तेरा ही सहारा था
खुदा ने उसे ही छीन लिया
ज़िन्दगी के कुछ पल जो खुशी के थे
उसी में तेरा शुमार नहीं
खुद को ख़ुदग़र्ज़ सा महसूस होता है
जब खाना बहुत है तब तेरे साथ बाट कर खाने की याद मे दिल रोता है
ज़िन्दगी में सारे आरे टेरे काम किये
पर जब कुछ बने तोह तब सबसे दूर हो गए
इस कामयाबी का क्या करूँ
मज़ा तोह इसे पाने के सफर में आना था
Nice
Thanks
Very good sir
Thanks bhai
Nice
Thanks
😍
Thanks
वाह जी वाह
Thanks
wah
Thanks