Related Articles

पहचान

बेकद्रों की महफ़िल मे कद्रदान ढूंढ रहा हूँ अनजान लोगो मे अपनी पहचान ढूंढ रहा हूँ अंधेरा करने वालों से रौशनी की मांग कर रहा…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close