खाली हाथ

मजदूरों के हाथ
बहुत दिनो से खाली है
दोष एक का नहीं
दो हाथों से बजती ताली है
खालीपन अभिशाप बन गया
खाली उनकी थाली है
फसल उगी थी बहुत ही सुंदर
ले गया कोई बाली है
शासन की करतूत कहे क्या
देखो कितनी काली है

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. बहुत ही मार्मिक अभिव्यक्ति मजदूरों के हाथ बहुत दिनों से खाली है

New Report

Close