Categories: शेर-ओ-शायरी
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दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
ब्रम्हास्त्र
एक मित्र ने यही मुझसे ब्रम्हास्त्र की फरमाइश की थी तो जी लीजिये जी पेश है खुद से जो पूछा कि क्या चाहिए दिल…
ऐसा हिंदुस्तान चाहिए
” ऐसा हिंदुस्तान चाहिए ” जिस मिट्टी में जन्म लिया बस उसका ही सम्मान चाहिए, बन जाए विश्व भी इसका ऋणी बस वैसी ही तो…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
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सुंदर
सुन्दर