Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
बिछडने के ख्याल से हम आपसे मिलने से डरते है
बिछडने के ख्याल से हम आपसे मिलने से डरते है मगर कैसे बताएं हम किस कदर तनहा मरते है देख न ले वो हमें,…
ओडिशा यात्रा -सुखमंगल सिंह
यात्रायें सतयुग के सामान होती हैं और चलना जीवन है अतएव देशाटन के निमित्त यात्रा महत्वपूर्ण है | मानव को संसार बंधन से छुटकारा पाने…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
डर
मैं तूफाँ नहीं, क्यों मुझसे डरते हो ईर्ष्या मैं क्यों, जल जल कर मरते हो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
Uttam
Aabhar Apka