चल कहीं

चल कहीं नदिया किनारे,
प्रिय नयन,सुन्दर चितवन

नैनों में दमके,तेरे काजल
है मेरा मन ऐ पागल

जब बजती तेरी पायल
झूमे जहाँ बस चाँद तारे

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर

जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर वह भजन हैं तेरे लिए अमृत तुल(तुल्य) (2 बार गाये) ————————————————————————– जिस भजन को सुनके…

Responses

+

New Report

Close