“चाँद” #2Liner-106 Ankit Bhadouria 8 years ago ღღ__गलतफ़हमी में जागते रहे, रात भर उनको जगता देखकर; . भला क्या ज़रूरत थी चाँद को, यूँ रात में निकलने की!!….#अक्स .