Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: #shayri
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
रोज़ होती रही तेरे वादों की बरसात
रोज़ होती रही तेरे वादों की बरसात कमाल ये के कभी हम भीग नहीं पाएं तंगदिल है मेरा या तेरा सिलसिला क़ाफ़िर न तुम समझे…
मेरे आने का मकसद
सबने ज़िन्दगी का फल्स्फा समझाया पानी है बस शोहरत और दौलत यह है बस मेरे आने का मकसद इसी को पाने से मिलेगा सब आराम…
है नहीं किसी को थमने की यहां पर थाह
सिर्फ दिखने को लगता है सबको आराम है नहीं किसी को यहां कभी भी आराम हर पल है हर शय उसकी गतिशील यहां है नहीं…
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