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जीवन का दर्पण है कविता

कोई साधारण चीज नहीं
ईश्वर की वाणी है कविता,
मन के भीतर उग रहे भाव का
मधुर प्रकटन है कविता।
दूजे का दर्द, स्वयं का मन
जीवन के सुख-दुख का लेखन,
कुछ अपनी और पराई कुछ
जीवन का दर्पण है कविता।
चाहत की आंख मिचोली है
प्रेमी जोड़ों की हमजोली है,
मिलने का सुख, जाने का दुख
पल-पल का वर्णन है कविता।
उनके मन का मनुहार कहो,
अपनों में रमता प्यार कहो
ममता कहो, दुलार कहो
कहने का माध्यम है कविता।
– —- डॉ0 सतीश पाण्डेय

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