जीवन का दर्पण है कविता

कोई साधारण चीज नहीं
ईश्वर की वाणी है कविता,
मन के भीतर उग रहे भाव का
मधुर प्रकटन है कविता।
दूजे का दर्द, स्वयं का मन
जीवन के सुख-दुख का लेखन,
कुछ अपनी और पराई कुछ
जीवन का दर्पण है कविता।
चाहत की आंख मिचोली है
प्रेमी जोड़ों की हमजोली है,
मिलने का सुख, जाने का दुख
पल-पल का वर्णन है कविता।
उनके मन का मनुहार कहो,
अपनों में रमता प्यार कहो
ममता कहो, दुलार कहो
कहने का माध्यम है कविता।
– —- डॉ0 सतीश पाण्डेय

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

वाणी

मानव का गहना है वाणी, वाणी का भोगी है प्राणी । मधुर वचन है मीठी खीर, कटु वचन है चुभता तीर । सद वचन है…

Responses

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति ।

    “मन में उमङे जज़्बात कभी
    वर्णों की माला में गुथकर
    रूप सलौना देखो इसका
    आई है जो कविता बनकर ”
    बहुत ही सुन्दर वर्णन है कविता का।

    1. सुमन जी, आपने इतनी सुन्दर समीक्षा की है, आपको किन शब्दों से धन्यवाद दूँ, आपका आभार व्यक्त करता हूँ।

  2. वाह सर, वास्तव में कविता अपने मन के भावों को प्रकट करने का ही एक माध्यम है । हृदय में ईश्वर का वास होता है,और कविता हृदय की भावनाओं को व्यक्त करने का ही एक साधन है …..बहुत सुन्दर प्रस्तुति है सर लाजवाब ….मेरे पास शब्द नहीं हैं इतनी सुन्दर कविता की समीक्षा के लिए ।आपका लेखन अति उच्च स्तरीय है ।

    1. आदरणीय गीता जी, आपने कविता की बहुत ही सुन्दर तरीके से समीक्षा की है, पंक्तियों का सुंदर तरीके से विश्लेषण किया है, आप बेहतरीन और स्तरीय कवि हैं, आपमें लेखन की विलक्षण क्षमता है, आपकी सराहना मेरी लेखनी को नवीन ऊर्जा प्रदान करेगी, हार्दिक धन्यवाद

+

New Report

Close