जीवन का दर्पण है कविता
कोई साधारण चीज नहीं
ईश्वर की वाणी है कविता,
मन के भीतर उग रहे भाव का
मधुर प्रकटन है कविता।
दूजे का दर्द, स्वयं का मन
जीवन के सुख-दुख का लेखन,
कुछ अपनी और पराई कुछ
जीवन का दर्पण है कविता।
चाहत की आंख मिचोली है
प्रेमी जोड़ों की हमजोली है,
मिलने का सुख, जाने का दुख
पल-पल का वर्णन है कविता।
उनके मन का मनुहार कहो,
अपनों में रमता प्यार कहो
ममता कहो, दुलार कहो
कहने का माध्यम है कविता।
– —- डॉ0 सतीश पाण्डेय
Waah waah, very nice poem
Thank You ji
सुन्दर अभिव्यक्ति ।
“मन में उमङे जज़्बात कभी
वर्णों की माला में गुथकर
रूप सलौना देखो इसका
आई है जो कविता बनकर ”
बहुत ही सुन्दर वर्णन है कविता का।
सुमन जी, आपने इतनी सुन्दर समीक्षा की है, आपको किन शब्दों से धन्यवाद दूँ, आपका आभार व्यक्त करता हूँ।
अतिसुंदर रचना शतप्रतिशत यथार्थ
सादर नमस्कार शास्त्री जी, बहुत बहुत धन्यवाद
वाह सर, वास्तव में कविता अपने मन के भावों को प्रकट करने का ही एक माध्यम है । हृदय में ईश्वर का वास होता है,और कविता हृदय की भावनाओं को व्यक्त करने का ही एक साधन है …..बहुत सुन्दर प्रस्तुति है सर लाजवाब ….मेरे पास शब्द नहीं हैं इतनी सुन्दर कविता की समीक्षा के लिए ।आपका लेखन अति उच्च स्तरीय है ।
आदरणीय गीता जी, आपने कविता की बहुत ही सुन्दर तरीके से समीक्षा की है, पंक्तियों का सुंदर तरीके से विश्लेषण किया है, आप बेहतरीन और स्तरीय कवि हैं, आपमें लेखन की विलक्षण क्षमता है, आपकी सराहना मेरी लेखनी को नवीन ऊर्जा प्रदान करेगी, हार्दिक धन्यवाद
बहुत खूब
Thanks ji
बहुत बहुत उच्च कोटि की कविता है सर आपकी
बहुत बहुत धन्यवाद जी
कविता की इतनी सुंदर व्याख्या ! क्या बात है !
सादर धन्यवाद, सब आपका स्नेह है।
बहुत खूब पाण्डेय जी
सादर धन्यवाद, नमस्कार
अॉउट अॉफ वर्ड
बेहतरीन, उच्चस्तरीय और क्या कहूँ…
बहुत बहुत धन्यवाद, आभार, प्रज्ञा जी
सुंदर भावाभिव्यक्ति..
सादर धन्यवाद जी
जितनी तारीफ करें उतनी कम
सरल शब्दो में कविता की परिभाषा कह सकते हैं इसे हम
लाजवाब👏👏👏
आपके द्वारा की गई इस सुन्दर समीक्षा के लिए बहुत बहुत आभार और धन्यवाद प्रतिमा जी
सच्ची कविता लिखी है सर
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत शानदार भाव 👌👌 जय हो
Thank you