Categories: शेर-ओ-शायरी
ashmita
H!
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बूंद बूंद बूंदें।
बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बरसती है , आंखों से मेरी । तूने क्यों की रुसवाई , जज्बातों से मेरे। बूंद बूंद…
सर्दियों की धूप-सी
सर्दियों की धूप सी लग रही है यह घड़ी यह जो नया एहसास है अजनबी है अजनबी सुना है मन वीरान है मेरा जहां आज…
पहाड़ों की ओर
आज तो यह सूरज जैसे लाया एक नई भोर, छोड़ के शहर का सारा शोर, चली है यह बंजारन उन पहाड़ों की ओर। घुलना है…
एक बूंद मुस्कराहट
तुमे शायद पता नहीं, एक दिन चुपके से मैने, चुरा ली थी तुमारे होठों से, एक बूंद मुस्कराहट। कई दिन छुपा के रखता रहा, कभी…
सुबह कि लालिमा
सुबह की लालिमा सुबह सुबह सूर्य की लालिमा मुझसे कुछ कहती हैं भोर हुआ जग जा प्यारे चिड़िया ची – ची करती हैं नदियाँ झरना…
Wah
वाह बहुत सुंदर रचना ढेरों बधाइयां