Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
वन डे मातरम
स्वतंत्र हैं हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।। सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी। एक…
वन डे मातरम्।।
गणतंत्र है हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।। सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी।…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
लजबाब
वाह
बहुत धन्यवाद्
Bhut sundar
dhanyawad
Good good