तिनके का सहारा
डूबते है लोग तो तिनके का सहारा मांगते हैं,
कितनी अजीब है ये दुनिया जहाँ लोग,
टूटते हुए तारों से भी दुआ मांगते हैं,
जहां चुप रहना हो वहां खूब बोलना,
जहाँ बोलना हो वहॉ क्यों ना जाने लोग खामोश रहना जानते हैं,
बनाते तो जीवन में कई रिश्ते हैं लोग,
बस कुछ दो चार ही होते हैं जो निभाना जानते हैं,
देखने को तो सभी देख लेते हैं ख्वाब ऊँचे मकानों के,
पर विडम्बना ये है की यहाँ कुछ एक ही ख्वाबों को हकीकत में बदलने की कला जानते हैं॥
– राही (अंजाना)
Bahut khoob dost
Dhnywaad dost
Dost fb pe shakun saxena mujhe find kro
वाह