Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
गणतंत्र दिवस है देखो आया
गणतंत्र दिवस है देखो आया झंडा हम फहरायेंगे अपने शहीदों को याद कर श्रद्धा सुमन चढ़ाएंगे गणतंत्र दिवस….. अपने देश में भारत माँ के नारे…
फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का
आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी…
कविता :दीपों का त्यौहार
दीपों की जगमग है दिवाली दीपों का श्रृंगार दिवाली है माटी के दीप दिवाली मन में खुशियाँ लाती दिवाली || रंगोली के रंग दिवाली लक्ष्मी…
तिरंगा
तिरंगा भारत देश की शान हैं तिरंगा देश प्रेमियों की जान हैं तिरंगा मातृ भूमि का अभिमान हैं तिरंगा आजादी के तराने का नाम हैं…
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
जय हिंद
जय हिंद
वाह
धन्यवाद
Good