तुम्हारी बातें
कभी-कभी हंसी आ जाती है तुम्हारी बातों पर।
रातें भी मुस्कुराती हैं
तुम्हारी बातों पर।
जाग उठते हैं दिल में अरमान
मेरा कल मुस्कुराता है
तुम्हारी बातों पर।
कोशिश लाख करूं तुमसे नफरत करने की पर,
बड़ा प्यार आता है
तुम्हारी बातों पर।
ना चाहते हुए भी नाउम्मीद हो उठती हूँ
जब गुस्सा आता है
तुम्हारी बातों पर।
तुम जैसे भी हो पर दिल के बहुत अच्छे हो
कभी-कभी रो पड़ती हूँ
तुम्हारी बातों पर
कभी-कभी रो पड़ती हूं
तुम्हारी बातों पर।।
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