Categories: शेर-ओ-शायरी
Panna
Panna.....Ek Khayal...Pathraya Sa!
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
यह पावन पर्व मुबारक हो,
भाई -बहन का प्यार भरा यह पावन पर्व मुबारक हो, खुशियों से भरा, जज्बात भरा, यह पावन पर्व मुबारक हो। सदा सम्मान रहे रिश्तों में…
रात अँधेरा ख़ामोशी तन्हाई,अश्क़ मिला
रात अँधेरा ख़ामोशी तन्हाई,अश्क़ मिला। यादें वक़्त पल तस्वीरें बातें,अश्क़ मिला। , जिंदगी झूठ क्या वादें क्या क़समे इरादें। मौत सच तन्हाई सच आँखें,अश्क़ मिला।…
beshaq….bht khoob !!
dhanyabaad dost
🙂
ज्यादा फर्क नहीं है हमारी हालत में ,
फर्क सिर्फ इतना है …
तेरी आँखों में कोई और बसा है ,
मेरे जिक्रो में कोई और बसा है ||
behatreen sachin ji
gehne hain yeh anmol..panna jee sambhaal rakhiyegaa
ji jaroor… shukriya!