ღღ__कल शब तुम्हारी यादों ने “साहब”, क्या दरवाज़े पर दस्तक दी थी?
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सुबह को मेरी गली में, कुछ क़दमों के निशान मिले थे आज!!…..#अक्स
ღღ__कल शब तुम्हारी यादों ने “साहब”, क्या दरवाज़े पर दस्तक दी थी?
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सुबह को मेरी गली में, कुछ क़दमों के निशान मिले थे आज!!…..#अक्स