दिल में पा लेंगे
करो कितनी भी कोशिश
आप हमसे दूर जाने की,
मगर जिद है हमें भी
आपको अपना बनाने की।
मगर हम वो नहीं जो
एकतरफा प्यार से छीनें,
जबर्दस्ती करें पाने को
गंदी राह अपनाएं।
हमें तो दिल में रखना है
यहीं दिल में सजा लेंगे,
फिर रहोगे कहीं भी आपको
हम दिल में पा लेंगे।
जब कभी याद आयेगी
यहीं महसूस कर लेंगे,
आपको याद कर दिल के
गमों को दूर कर लेंगे।
वाह, बहुत ही बढ़िया, अतिसुन्दर
बहुत खूब लिखा है सर, इस विचार की जितनी तारीफ की जाए वह कम पड़ेगी
अतिसुंदर भाव
बहुत सुंदर कविता है और उससे भी सुंदर कविता के भाव हैं । करो कितनी भी कोशिश, में आनुप्रासिक छटा भी विद्यमान है और कलम को सलाम है । काबिले तारीफ़ रचना ।
बहुत सुंदर कविता
बहुत ही लाजवाब सर
लाजवाब वाह सर वाह
Wow very nice