दीप जलाओ री सजनी
जगमग ज्योति जगा री सजनी,
घर – बाहर सब होय उजाला।
घनी अमावस की रतिया भी
आज,लगे धवल चांदनी वाला।।
मिट्टी का दीपक
रूई की बाती ।
सरसों का तेल
भर दीया बाती।।
मिटे अंधेरा काला वाला।। घर बाहर सब होय उजाला।।
प्रथम दीवाली धन तेरस का
द्वितीय जले यम चौदस का
तृतीय कुबेर लक्ष्मी गणेश का
चौथी गोवर्धन अन्नकूट
पंचम टीका भैया दूज
जगमग होवे घर रंगशाला।। घर बाहर सब होय उजाला।।
बहुत सुंदर प्रस्तुति सर 🙏
हार्दिक धन्यवाद
Nice and a_1
धन्यवाद
Bahut sunder rachana
हार्दिक धन्यवाद