नमो नमो नमो बुद्धाय
नमो नमो नमो बुद्धाय।
मन हमारा शुद्ध हो जाए।
कठोर वाणी त्याग दें।
सत्य सबको बांट दे।
कमजोरों को हाथ दें।
निर्धन का हम साथ दें।
अपंग के गले लग जाएं।
नमो नमो नमो बुद्धाय।
विचार में प्रकाश हो।
करुणा पर विश्वास हो।
ज्यादा की नहीं आश हो।
ज्ञान हमारे पास हो।
दया धर्म हम अपनाएं।
नमो नमो नमो बुद्धाय।।
मद से हमारा नाता न हो।
झूठ हमको आता न हो।
पाप से हम सब दूर रहें।
कर्मों से हम सब सूर रहें।।
थोड़े में ही खुशी मनाएं।
नमो नमो नमो बुद्धाय।
निश्चय पर अटल रहें।
मैत्री से हम हरपल रहें।
पाखड़ों को तोड़ दे हम।
रुढ़ीवाद छोड़ दें हम।
जात पात को अब मिटाएं।
नमो नमो नमो बुद्धाय।।
अपने मन के अंदर झांको।
द्वेष नहीं कभी तुम बांटो।
क्रोध पर हम काबू रखें।
अंतस में हम साधु रखें।
शत्रु को भी गले से लगाएं।
नमो नमो नमो बुद्धाय।
संतोष को धन बना लें।
त्याग का मन बना लें।
प्रेम को हम हल बना लें।
साथ आओ कल बना लें।
उपदेश ये घर घर में जाए।
नमो नमो नमो बुद्धाय।
ओमप्रकाश चंदेल “अवसर”
पाटन दुर्ग छत्तीसगढ़
7693919758
nice poem sir!
Thanks apka
वाह बहुत सुंदर