न्यूज़ ना देखना दोस्त!
न्यूज़ ना देखना दोस्त !
वहां केवल भ्रम फैलाया जाता है ।
कुछेक मुद्दो के पीछे,
सत्ता को बचाया जाता है।
सब कुछ पहले से तय होता है
बहस जिस मुद्दे पर ,
उसे गर्व से रटाया जाता है,
अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी
सब छिपाकर,
गुमराह बनाया जाता है,
न्यूज़ ना देखना दोस्त!
वहां केवल भ्रम फैलाया जाता है।
अच्छी कविता। परन्तु एक बदलाव करने पर मुझे ज्यादा अच्छी लगती।” वहा भ्रम केवल फैलाया जाता है।” या “वह भ्रम केवल फैलाता है।”
बहुत बहुत धन्यवाद सर
सीम
समीक्षा के लिए
आपकी राय भी सही है
बहुत अच्छी कविता
धन्यवाद सर
Sachi baat!! Wah!❤😍❤😍
धन्यवाद
बहुत खूब
धन्यवाद सर
आपकी निष्पक्ष भाव से समीक्षा
मेरा हौसला बढ़ाती रही है
बेहतरीन प्रस्तुति
धन्यवाद सर