समय अब भी है
हो रहा विमुख-सा मन, न इच्छा बची ना चाह। यह उम्र का पड़ाव, सच में इरादों को छीन-हीन, कर ही देता है। वह पहले सा…
हो रहा विमुख-सा मन, न इच्छा बची ना चाह। यह उम्र का पड़ाव, सच में इरादों को छीन-हीन, कर ही देता है। वह पहले सा…
कुछ लोगों का दूसरों के, नक्शे कदम पर चलना। यह साफ-साफ ज़ाहिर करता है… उनका कोई वजूद है ही नहीं.. यह तो हर दूसरा, तो…
लब पर तेरा नाम यूं बार-बार आता है, जैसे कोई परिंदा अपना आशियाना बनाता है…..
कोरे मेरे, सपने मेरे, कोरे ही रह जाएंगे….२ उम्मीदें देंगी,दस्तक उन तक, उम्मीदें ही रह जाएंगी…. कोरे मेरे, सपने मेरे, कोरे ही रह जाएंगे…२ शामें…
मेरे बापू के सपनों का भारत, अब है न जाने गुम कहीं। न एकता की भावना है, न देश प्रेम की बात कहीं। सत्ता की…
कल ही दर्द ने मुझसे रो कर कहा, बहुत सहन कर लिया मुझे तुमने। खुदा से अब ये इबादत है, रुबरु हो जाए सारी खुशियां…
इक अरदास करूं तुमसे प्रभू ! मैं रो लूंगी भाग्य को अपने, हर दुःख को चुप्पी से सह लुंगी। बना देना मुझे निर्भया की मां,…
नहीं हूं मैं हिन्दू पहले, न ही दलित की बेटी हुं। मैं निर्भया आज की , इंसाफ़ मांगती, मैं पहले देश की बेटी हुं। क्यों…
कर्म का पेड़, खुदा के जैसा, परख के फल वो देता है, किसी को कड़वा, किसी को मीठा, मगर मिलता हमेशा मेहनत का है।
मैं कितना भी हूं उदास, वो हंसा ही देते हैं, मुरझाईं कली को , फिर से खिला ही देते हैं, करता होगा जमाना मोहब्बत, अपने…
बदनाम बहुत हुए,वो लोग; जिन्होंने इश्क निभाया है, अंगार कोयले-सा है ये रस्ता, तड़पा बहुत, इस पर , चलकर जो आया है।
तनहाई का आलम पूरा हिमालय हो गया, अब दो दिलों का मिलन , क्षितिज-सा लगता है।
कौन है यहां अपना मेरा, तुझ पर ही है, अर्पित जीवन सारा। कौन-सी मैं व्यथा सुनाऊं, प्रभु! मैं तुझको कैसे पाऊं। कब तक यूं आस…
जब याद करती हूं, उन लम्हों को। एक टीस सी उठती है। यह आंखें नम हो जाती है। अगर तुम साथ होते। जिंदगी खुशियों से…
एक तन्हाई, मैं खुद से पाना चाहती हूं। अपने संग, कुछ पल बिताना चाहती हूं। जिंदगी में हर रंग भर कर, उसे मिटाना चाहती हूं।…
बहुत शिकायतें करती हूं मैं, जानते हो तुम। फिर भी कभी शिकायत नहीं करते।
मैं देख नहीं पाता हूं तो क्या? महसूस करता हूं, लोगों की खुशियां, और उनके गम । वो जो देखकर भी नहीं करते। इतना महसूस…
वो सिक्सर की तरह लगी, आ सीने पर, दिल जीरो पर, बोल्ड हो गया, खुशी मिली, आईपीएल की तरह, मगर मैच हमारा , टाई हो…
रात का पागलपन भी देखो! खत्म होती ही नहीं रात भर, जब होता था, सुकून , तब सोता था, मगर अब , नींद की हिम्मत…
ये जो वक्त का सितारा है, वो बेहिसाब- सा बदलता है , और जब बदलता है, तो सारी कयानात बदलती है, फिजाएं भी बदलती हैं,…
कभी जाहिर करना आया ही नहीं, तुम्हारे लिए मेरा प्यार। अब तक खामोश है….. मेरे लब।
क्यों आहत हुई मैं, क्यों मैं गुमसुम रही। सह रही थी, उस दर्द को। जहां जी रही थी मैं। याद है मुझे जब खुशियां, चमक…
समेटते हुए , आ रहे हैं हम, आज भी , उन दिल के टुकड़ों को, जो वर्षों पहले टूटा था।
इस छोटी सी उम्र में, देखते हो ना मुझे, कभी ढाबों या चाय के ठेले पर, कभी किसी गैराज में, कभी लाल बत्ती पर ,…
यह कैसी है आपदाएं, कितना विनाश करती हैं! छीन कर सब मेरा, और मुझसे सवाल करती है। बाहर की भीषण तबाही, मेरे भीतर तक मचती…
नाकामी की दस्तक पढ़ ली मैंने, फिर भी इंतजार करेंगे। हम अपनी कामयाबी का…..
बेजुबान हम न थे, बस बोलना न आया।
यह कौन-सी शाम है, यह कौन-सी रात है। जो न ढलती है, जो न कटती है। बिन तेरे यह जिंदगी हर-पल, सिमटती है….
छोड़कर इन आंसुओं को, भाग ना सके। और थाम भी ना सके। गिरते रहे उसके बूंदों की तरह, और मौसम जवां करते रहे। जमी कुछ…
मुस्कुराकर खत्म कर देती जीवन गाथा, पर उम्मीदों नहीं सोने न दिया।
कितने पर्दे बदले हैं, इस जिंदगी ने। कभी पुराने, तो कभी नए। कुछ फीके, कुछ मटमैले। और कुछ रेशम से नए।
है हिदायतें देती मां मुझे। घर जल्दी आना बेटी देर न करना। मैं सोचती हूं अक्सर! क्या यह देश मेरा घर नहीं! क्या यह लोग…
है निशानियां तेरी, इन फिजाओं में। कभी चांद तो , कभी सितारे कहते हैं। कहते हैं मुड़ कर देख। जिसे तू चाहता है, वह वही…
मैं चुप हूं, खामोश हूं। एक मौन दरिया हूं। शांत हूं ,निर्मल हूं। कभी एक आहट भी, हिला देता था। मेरे भीतर के तूफान को,…
तू खुद सक्षम बन , ए ! नारी शक्ति! जमाना खुद बदल जाएगा, बैठा है हर ज़हन में रावण, राम कब तक तुझे बचाएगा, तू…
शेर की शादी में देखो, गीदड़ बराती आए हैं, ठांट बांट सब रंग चढ़ा कर, ब्याह रचाने आए हैं, बन जाएगा कल से शेर भी…
जब-जब , मैं रोई! तब-तब , चैन से मां ना सोई, मां ने पाला , मां ने सम्भाला, अपना निवाला, मेरे उदर में डाला, कोने…
अतीत की छाया पड़ने न देना, यादों का साया दुख देता है । खूश रख अपने को फिलहाल से, उम्मीद का सवेरा सुकून देता है,…
बहुत खुश थे हम, दुनिया में अपनी, मगर ये इश्क ! सारी खुशियां खा गया, कब से भुला दिया था तुमको, तेरी यादों को, मगर…
जज्बा जो जगा है ज़हन में, कुछ पाने का, उसे कैंसर से कम ना समझना, उबल रहा है हौसला, फौलाद-सा, कभी गलती से पस्त ना…
बहुत मनाता है दिल मुझे , उसके लिए, मगर मैं कैसे विचलित होती, ठोकरों से उभरना सीख जो लिया ।
छोड़ दिया है हमने; आजकल, उनके दिल में रहना भला कैसे सांस लेते! पसंद नहीं हमें भीड़ में रहना!
वे जानते हैं हमारे बारे में , मगर , थोड़ा आड़ में रखते हैं , पसंद नहीं है हमें उनका रूस जाना, मगर , वह…
न्यूज़ ना देखना दोस्त ! वहां केवल भ्रम फैलाया जाता है । कुछेक मुद्दो के पीछे, सत्ता को बचाया जाता है। सब कुछ पहले से…
ओस की बुंदों को, चमकते देखा है। उनकी आंखों में, कहीं बिखर न जाए। मेरे छूने से।
यह जिंदगी की दौड़ है, जनाब! यहां सब दौड़ लगाते हैं। कोई हार कर जीतने की, दौड़ लगाता है। कोई जीत कर, फिर से जीतने…
हे प्रभु! तुम ही तो हो। तुम हो सृजन दाता, तुम हो रचना निर्माता। तुम हो जीवन की आस, तुम ही हो निश्चित श्वास। तुम…
है डर मुझे आज भी, उन सुनसान गलियों से। वह सन्नाटे में चिल्लाते , शोर की गहराइयों से। वह डरा देती है, मुझे। मैं जब…
जब उन्हें यूं घमंड हुआ, अपनी सूरत पर। वक्त ने भी दिखला दिया, जब झुरिया पड़ी चेहरे पर।
नींद की चादर ओढ़ कर, सोए जमाना हो गया। रात यूं ही कट जाती है, और पल में सवेरा हो जाता है।
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