न जाइये इस तरह
न जाइये इस तरह
छोड़कर राह में,
हम तो मर जायेंगे
आपकी चाह में।
बात मत कीजिये
और से इस तरह
हम तो हो जायेंगे
खाक फिर डाह में।
आइये बैठिए
नेह से देखिए,
अन्यथा बीत जायेंगे
पल आह में।
जिन्दगी है समुन्दर
कठिन राह है
काट लेंगे इसे
प्यार की नाव में।
रोकिए अपने कदमों को
मत जाइये,
साथ में हम रहें
प्रीति के गांव में।
वाह वाह सर
वाह वाह
वाह बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
Very nice poem