पद चिन्ह

देख मनुज संसार में ,
कोई नहीं किसी का

मतलब की दुनिया ये सारी
कौतुक ब्रह्म विधि का

मत सोच मनुज कि तू निर्बल है
तुझमे परम प्रभु का बल है

नश्वर्य जग में पग दो चल
पहचान बना पद चिन्ह छोड़ चल

मिटे अज्ञान जिस पल
मिले श्रोत सिद्धि का

कौतुक ब्रह्म विधि का

–विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर )–

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