Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।
अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है । प्रेम से ही टिकी हुई, धरती, गगन, भुवन है ।। अर्थ जगत का सार…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
चित्र
आँखों पर पड़ा पर्दा हटाना होगा, कुछ तो अर्थपूर्ण कर दिखाना होगा, यूँही मिलता नहीं सम्मान जगत में, कोई चित्र तो परिपूर्ण बनाना होगा।। राही…
हिन्दी गजल- बंजर भूमि की रोटी |
हिन्दी गजल- बंजर भूमि की रोटी | बहारों के मौसम गुल खिल जाये दिखाना मुझे | बागो फूल भवरा गर मिल जाये दिखाना मुझे |…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
Nice