पोटली

यादों की पोटली तेरी खोल के न देखूंगा,
आँखों की कोठरी मैं खोल के न देखूंगा,
तू जब समझी नहीं मेरी ज़ुबानी ये कहानी,
तो अब खामोशी के एहसासों की कोई टोकरी न देखूंगा।।
राही (अंजाना)

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