बरसने के बाद…………
हो गयी रुकसत घटा बरसने के बाद
खिला मौसम नया बरसने के बाद
मेरे गमो से रूबरू हो कर ये हवा भी
जोर से बहने लगी बरसने के बाद
होता आमना-सामना कुछ पल के लिए ही
दिल-ऐ-खुवाईश बनी ये बरसने के बाद
मेरी तन्हाईयों को देखने के बाद
मेरी उदासी कुछ बोली बरसने के बाद
उस चाँद को अकेला देख आसमा में
एक तारा रो दिया बहुत बरसने के बाद
चला जा रहा था मैँ अकेला ही उन रास्तो पर
सरे पत्थड़ नर्म पड़ गए बरसने के बाद
गीले कपड़ों पर नज़र पड़ी मेरी
रो पड़ा दिल मेरा बरसने के बाद
लिखा एक पन्ने पर मैंने उसका नाम
कलम भी रो पड़ी बरसने के बाद
चलो ये दिन भी याद रहेगा मुझ को इसलिए भी
कोई बहुत याद आया था बरसने के बाद……………………………..!!
D K
जोर से बहने लगी बरसने के बाद wah..jabardast bhai
THanku so so much Bhai
Clear ideas…good