बरसात: मन की रंगीन धारा

बादलों की छाँव में आयी बरसात,
धरती ने पहनी हरियाली की साड़ी।
गीत गाती हुई हवाएं मुझको बुलाती,
मन को भर देती खुशियों की बरसाती।

बूँदों की छपछपाहट में झूम उठा जहां,
पत्तों की खुशबू से महक उठा जहां।
मिट्टी की गर्मी बह गई बरसात में,
जीवन को नई उमंगों से भर दिया।

मन में छायी हर बूंद की सपनों की धारा,
फूलों की मेहक ने बनाया नया नगारा।
प्यार की बूंदें गिरीं दिलों के उपवन में,
आँखों में बस गई खुशियों की झरनी।

प्यारी बरसात, तू कहाँ से आई है,
आँगन को रंगीन और हृदय को भर दिया।
धरा को चुमकीला, हरा-भरा बना दिया,
बरसात की मौसम ने आँखों को बहा दिया।

जल की मनमोहकता चारों ओर फैली है,
हर दिल को अपनी खुशबू से भर दिया।
गीतों की धुन में मन ने नाचना सीखा है,
बरसात के रंगों में जीवन को सजा दिया।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close