“बरसात” #2Linerr-81 Ankit Bhadouria 8 years ago ღღ__बिन मौसम बरसात यूँ, जला रही है मुझको “साहब”; . जैसे शमाँ जलाती है, अपने परवाने को बुला के पास!!….#अक्स .