बाल गीत

तूफानों से लड़ना होगा ,
कांटों पर भी चलना होगा
फूलों सा महकना होगा,
सूरज का चमकना होगा,
दुनिया को बदलना होगा ,
जब से आगे चलना होगा ।

१.भ्रष्टाचार घोटालों ने हम सबको पीछे फेंक दिया,
अगवा और डकैती ने दुख चैन सभी का लूट लिया।
भ्रष्टाचार मिटाना होगा ,
शांति मंत्र सिखाना होगा ,
चोर,लुटेरे, डाकू सब का तांडव हमें मिटाना होगा।

२. आन तिरंगा मान तिरंगा समझो तो है जान तिरंगा ,
लहर -लहर लहराना होगा ,
परचम फिर फहराना होगा ।
“बीता काल बड़ा था मुश्किल ,
ना धरती अंबर पर हक”
भूल गए जो बलिदानों को ,
उनको याद दिलाना होगा ,
बलिदानों की अंगारों को फिर से हमें लगाना होगा।

३. साक्षरता की बन मशाल,
जग को फिर आज सिखाना होगा,
स्वच्छ रहो आबाद रहो ,
यह ज्ञान का दीप जलाना होगा ।
देश प्रेम में जानना होगा हमको कुंदन बनना होगा ,
तूफानों से लड़ना होगा ,
कांटो पे भी चलना होगा।
फूलों सा महकना होगा, सूरज सा चमकना होगा ।
दुनिया को बदलना होगा, जब से आगे चलना होगा ।

निमिषा सिंघल

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