Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
बिटिया
मां बाप की लाडली होती बिटिया जीवन को रोशन करती है बिटिया घर परिवार को समेट कर रखती बिटिया रिस्ते कि बागडोर को निभाती बिटिया…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
आंगन
बचपन का आंगन कहीं छूट गया । पुराना मकान था जो टूट गया ।। ऊँची इमारतें खड़ी वहाँ, सैकड़ों परिवारों का बसेरा है । चारदीवारी…
Super
Waah
Aabhar Apka