Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
गुरू
गुरू वन्दन गुरू वन्दन चरणों में करता हूं शीश झुका कर अभिनन्दन करता हूं मैं हूं बड़ा अभागा संसार में ज्ञान कि ज्योति जलाये रखना…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
नवविवाहिता का पति को भाव–समर्पण…….
मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन ————————————– मेरा सजने को है जीवन–आँगन मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन… भाव–विभोर मेरे नैनन में स्वप्न ने ली अँगड़ाई है- जो लिखी…
वीर भगत सिंह
वीर शहीद भगत सिंह भगत सिंह सुखदेव राजगुरु थे वीर बहादुर आजादी के तराने के लिए झूल गये फांसी पर भारत मां का नारा लगा…
वीरों का दिल से अभिनन्दन।
वीरों का दिल से अभिनन्दन। सीमा पर डटकर खड़े हुए, दो-नयन शत्रु पर गड़े हुए, हाथों में अस्त्र सुशोभित है, उर से भय आज तिरोहित…
Sundar
Dhanyawad
Wah
Good