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माँ के लाल

भगत सिंह, शिव राज गुरु, सुखदेव सभी बलिदान हुए,
इस धरती माँ की खातिर कितने ही अमर नाम हुए,
ब्रिटिश राज की साख मिटाने को एक जुट मिटटी के लाल हुए,
कभी सीने पर गोली खाकर कभी फांसी पर लटक काल के गाल हुए,
इंकलाब के नारों से भगवा रंग मिलकर लाल हुए,
तिरंगे को लहराने की चाहत में शहीद माँ के लाल हुए॥
राही (अंजाना)

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