ममता के आइने मे प्यारी सी सूरत है माँ,
सूरज की धूप मे छाया का आँचल है माँ,
दुखों के समन्दर में सुख का किनारा है माँ,
दुनियॉ की भीड़ में सकून का ठिकना है माँ,
अँधेरी कोठरी में रौशनी का उजाला है माँ,
प्रेम और स्नेह में प्रकर्ति की गोद है माँ।
बेमोल अलंकारों में अनमोल नगीना है माँ,
निराकार भगवान की साकार प्रतिमा है माँ॥
राही#