अहसास प्यार का माँ के, माँ की यादें, माँ का साथ।
गज़ब सुकूँ मिलता है, जब माँ सर पर फेरे हाथ॥
माँ के हाँथ की थपकी, माँ का प्यार, वो माँ की ममता।
बच्चे को भोजन देकर भूखे सोने की क्षमता॥
माँ ही सृष्टि रचयिता, शिशु की माँ ही रचनाकार है।
प्रेम, भक्ति और ज्ञान सभी से बढ़कर माँ का प्यार है॥
बिन माँ सृष्टि अकल्पित नामुमकिन इसका चल पाना है।
शब्दों में नामुमकिन माँ को अभिव्यक्ति दे पाना है।
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शिवकेश द्विवेदी