मां शारदे स्तुति

🌹🌹🌹🌹🌹🌹
वीणावादिनी मां पद्मनिलया,
ज्ञान का दीप जला देना,
तिमिर मिटे अज्ञानता का,
मां पथ आलोकित कर देना।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
श्वेतवस्त्रा मां सुरवंदिता,
आन कंठ सुर भर देना,
शीश नवाऊं तेरे चरणों में,
वरद हस्त सिर रख देना।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
रहूं सदा कर्तव्य पथअग्रसर,
मां सत्य मार्ग दिखला देना,
विनती सुनो हे! मातु हमारी,
साहस,शील हिय भर देना।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
स्वरचित मौलिक रचना
✍️…अमिता गुप्ता

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

      1. बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां लिखी हैं आपने अमिता जी

+

New Report

Close