Categories: मुक्तक
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
उठो वीर जवानो
उठो वीर जवानो भारत माता, तुम्हे पुकार रही, अपने लालों के लहू का, बदला माँग रही, अपने अमर जवानो के पथ पर, चलने को ललकार…
जो आत्मनिर्भर है
1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
असहायों की मदद को उठो
असहायों की मदद को उठो, रुको मत, उठो उठो ना, जो असहाय हैं, जिनका कोई सहारा नहीं उन्हें तुम सहारा दो। जो डूब रहे हैं…
आराध्य:- हे कृष्ण ! पुन: तुम आ जाओ
हे कृष्ण ! पुन: तुम आ जाओ हे कृष्ण ! पुन: तुम आ जाओ || कि अब ना बजती बंशी की धुन कहीं गइयों को…
वाह
बहुत बहुत धन्यवाद
Nice
बहुत बहुत धन्यवाद
Sundar kavita…. 👍🏻
Good