Categories: शेर-ओ-शायरी
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पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो
पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो इश्क़ की गहराइयो मैं खुद उतरकर देखो इश्क़ से गहरा समंदर भी नही बस एक बार आज़माकर देखो चंद…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
यह कौन लोग का हुजूम है?
भारत की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर सिंघु और टिकरी में यह कौन लोग का हुजूम है? देखो देखो यह लोग और कोई नहीं हमारे देश…
“कवि हूँ मैं सरयू तट का “
“कवि हूँ मैं सरयू तट का ” कवि हूँ मैं सरयू तट का समय चक्र के उलट पलट का मानव मर्यादा की खातिर सिर्फ अयोध्या…
मेरे मालिक, मैं तेरा गुलाम हूँ ।।2।।
दुख की बदली छाई है मेरे सर पे सुख की चाह करता नहीं रब मैं तुम से तु चाहे जैसे रख ले, अपनी शरण में…
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