‘हैं जबकि और भी कितने ही दर ज़माने में,
क्यूँ फकत मेरे ठिकाने को चली आती हैं..
कितने मौजूद मददगार हैं यहाँ तेरे,
मुश्किलें बस ये दिखाने को चली आती हैं..’
– प्रयाग
मायने :
फकत – सिर्फ
‘हैं जबकि और भी कितने ही दर ज़माने में,
क्यूँ फकत मेरे ठिकाने को चली आती हैं..
कितने मौजूद मददगार हैं यहाँ तेरे,
मुश्किलें बस ये दिखाने को चली आती हैं..’
– प्रयाग
मायने :
फकत – सिर्फ