Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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तुम
तुम कुछ यूँ ज़रूरी बन गए कि तुम्हे भुला ना सकी, इस बात को किसी और को बता ना सकी, इस दिल का भोज कभी…
मेरी गलतीयाँ माँफ कर देना
मुझे माँफ कर देना” “”उतर ना सकी तेरी महोब्बत रूपी सीढ़ी पर। हाँ ? मुझे ले बैठा;लज्
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
तुम्हें माफ़ किया मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने बस इतना सुकून है जैसा तुमने किया वैसा नहीं किया मैंने जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने हाँ खुद से प्यार…
Samajh nhi aayi
वाह
कम शब्दों में बड़ी बात
बहुत खूब