मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो
तुम मेरे ही और सिर्फ मेरे ही रहो
मैने कब चाहा कि ऐसा ही हो।
पीछे चलो कदमों के निशान ढूंढते हुए
दे दो अपनी जान बस मुझको पूजते हुए।
लाकर जहान की सारी खुशियाँ कदमों में रख दो
मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो…………..।
छीनकर ले आओ किसी की माँग का सिन्दूर
उजाड़कर किसी की कोख बस मेरी गोद भर दो।
मैने कब चाहा कि ऐसा ही हो!!!!!!!!!!
मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो!!!!!!!!!!
Bahut sunder.