Categories: मुक्तक
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बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,
कृष्ण ने बाँसुरी बजायी, राधा के मन में प्रीत जगी । सारी दुनिया तम में है सोई, राधा रानी प्रेम-मगन है खोई ।। (मग्न) बोलो…
सूल होत नवनीत देखि मेरे, मोहन के मुख जोग
जब कृष्णा को अक्रूर जी मथुरा ले जाते है, तो जशोदा मां कहती है, “सूल होत नवनीत देखि मेरे, मोहन के मुख जोग|” तब मां…
कृष्णा- जन्म
रात थी गहरी, काली, अंधियारी जब जन्मे थे, गोपाल – गिरधारी। भाद्रपद का मास था, कृष्णा पक्ष की अष्टमी, दिन, उस दिन बुधवार था, नक्षत्र…
बरसा के बदरिया
भोजपुरी गीत – बरसा के बदरिया | बरसा के बदरिया मे पनिया पडेला राम | ये मोर सजना तनी चलता बुनिया मे नहाए | ये…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
वाह बहुत सुंदर रचना
Jai ho banke bihari
धन्यवाद श्री मान जी
Jai Krishna
Jay shree Krishna
Nice
Nice
वाह बहुत सुंदर रचना
Nice