Categories: शेर-ओ-शायरी
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कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
तिरंगे के दीवाने
मिट गये तेरे दीवाने वतन के लिए-2 आंख दिखा के न जाये,आंच आने न पाए सर कटाते रहेंगे इसके क़फ़न के लिए मिट गये तेरे…
हमसे दीवाने कहाँ..
अब कहां हमसे दीवाने रह गये प्रेम की परिभाषा और मायने बदल गये, तब न होती थी एक- दूजे से मुलाकाते, सिर्फ इशारों मे होती…
मोहब्बत
रूठी हुई मोहब्बत को मनाते मनाते, हम उन्हीं के चेहरे के दीवाने हो गए।। राही
स्वतंत्रता की वर्षगांठ
स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:- खुशी खूबसूरती और खैर- ख़ैरियत के साथ चलो मनाते हैं देश की स्वतंत्रता की वर्षगांठ । आजादी सौगात नहीं,अमर शहीदों…
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