Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
रोज़ होती रही तेरे वादों की बरसात
रोज़ होती रही तेरे वादों की बरसात कमाल ये के कभी हम भीग नहीं पाएं तंगदिल है मेरा या तेरा सिलसिला क़ाफ़िर न तुम समझे…
तुम शायद जान नहीं पाए
*एक अंश तुम्हारा मुझमें है, तुम शायद जान नही पाए। हर पल मैं तुममे दिखता हूँ, तुम शायद मान नहीं पाए।।* अब कैसे मैं तुमको…
“दहेजप्रथा मुक्त समाज”
बेटी है यह कोई सामान नहीं, यह अनमोल खजाना है, जिसका कोई दाम नहीं, बड़े लाड़ प्यार से पाला था जिसको, हर बुरी नजर से…
अदा-ऐ-इश्क़
बस एक यही अदा हमको उसकी भाती नहीं है के बुलाने के बाबजूद भी वो मिलने आती नहीं है, मोहोब्बत है उसको हमसे हम जानते…
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